YES BANK !.......अपनी सांसे गिनती बैंक !!
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NPA की समस्या से जूझ रही यस बैंक को संभालने के लिए आरबीआई ने 5 मार्च 2020 की देर शाम एक सर्कुलर जारी किया।
सर्कुलर के मुताबिक बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर एक प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई है प्रशासक के तौर पर एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को नियुक्त किया गया है।
इतना ही नहीं बैंक के खाताधारकों पर यह पाबंदी भी लगा दी गई है कि वह एक महीने में अधिकतम ₹50,000 ही निकाल सकते हैं। यह प्रावधान 3 अप्रैल 2020 तक लागू होगा।
बात अगर एनपीए की करें तो इसे नान परफॉर्मिंग असेट्स जिसे हिंदी में गैर निष्पादित संपत्ति कहते हैं। मतलब बैंक द्वारा दिया गया ऐसा कर्ज जिसका निष्पादन बैंक द्वारा ना किया जा सका हो।
वर्तमान में बैंक का NPA 17,134 करोड़ रुपए है
यस बैंक एक निजी क्षेत्र की बैंक है। जिसकी स्थापना नवंबर 2003 में राणा कपूर और उनके करीबी रिश्तेदार अशोक कपूर ने की थी इस बैंक की वर्तमान समय में देश भर में लगभग 1100 अधिक शाखाएं और उनमें 21,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
वर्ष 2008 में मुंबई के 26/11 हमले में अशोक कपूर के मारे जाने के बाद उनकी पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच मालिकाना हक को लेकर मतभेद शुरू हो गया।
30 अगस्त 2018 को आरबीआई ने राणा कपूर को अगले आदेश तक बैंक का एमडी और सीईओ बने रहने की मंजूरी दे दी।
यस बैंक के बुरे दिन तब शुरू हुए जब जनवरी 2019 में राणा कपूर ने एमडी और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि उससे पहले बैंक पर घाटे की आंकड़े को छुपाने के आरोप भी लगे।
वर्ष 2018-19 में बैंक ने 3277 करोड़ रूपये का कम NPA दिखाया।
यह भी माना जाता है कि राणा ने बैड क्वालिटी लोन लोगों को दिये। इसके अलावा राणा कपूर कंपनी की बैलेंस शीट बनाने का तरीका भी बदल देते थे जिससे आडिट करने में दिक्कतें होती है।
इस समय बैंक की मार्केट वैल्यू 7943 करोड़ रुपए गिर चुकी है। अगस्त 2019 में बैंक के जिस शेयर की कीमत ₹404 थी उसकी वर्तमान कीमत ₹5.65 हो गई है।
✍✍अजय मिश्रा
अमूमन कुछ सालों पहले वित्तीय क्षेत्र में एक चर्चा आम रहती थी कि अगर कोई आपको लोन नहीं दे रहा है तो राणा कपूर तो पक्का लोन दे देगा। लेकिन इस बात पर आप राणा की काबिलियत पर शक नहीं कर सकते क्योंकि बैंकिंग सेक्टर में उनकी मिसाले तक दी जाती थी कि कर्ज कैसे वसूलना है ये राणा कपूर से सीखे...आज उन्हीं की बैंक NPA और वित्तीय संकट के सामने घुटने टेके खड़ी है।
NPA की समस्या से जूझ रही यस बैंक को संभालने के लिए आरबीआई ने 5 मार्च 2020 की देर शाम एक सर्कुलर जारी किया।
सर्कुलर के मुताबिक बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर एक प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई है प्रशासक के तौर पर एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) प्रशांत कुमार को नियुक्त किया गया है।
इतना ही नहीं बैंक के खाताधारकों पर यह पाबंदी भी लगा दी गई है कि वह एक महीने में अधिकतम ₹50,000 ही निकाल सकते हैं। यह प्रावधान 3 अप्रैल 2020 तक लागू होगा।
हालांकि विशेष परिस्थिति में धन निकासी सीमा बढ़ाई जा सकती है मसलन जमाकर्ता या उस पर वास्तविक रूप से आश्रित व्यक्ति की मेडिकल इमरजेंसी या शिक्षा या शादी की स्थिति में इसकी निकासी की अधिकतम सीमा ₹5 लाख है।
बात अगर एनपीए की करें तो इसे नान परफॉर्मिंग असेट्स जिसे हिंदी में गैर निष्पादित संपत्ति कहते हैं। मतलब बैंक द्वारा दिया गया ऐसा कर्ज जिसका निष्पादन बैंक द्वारा ना किया जा सका हो।
वर्तमान में बैंक का NPA 17,134 करोड़ रुपए है
यस बैंक एक निजी क्षेत्र की बैंक है। जिसकी स्थापना नवंबर 2003 में राणा कपूर और उनके करीबी रिश्तेदार अशोक कपूर ने की थी इस बैंक की वर्तमान समय में देश भर में लगभग 1100 अधिक शाखाएं और उनमें 21,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
वर्ष 2008 में मुंबई के 26/11 हमले में अशोक कपूर के मारे जाने के बाद उनकी पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच मालिकाना हक को लेकर मतभेद शुरू हो गया।
30 अगस्त 2018 को आरबीआई ने राणा कपूर को अगले आदेश तक बैंक का एमडी और सीईओ बने रहने की मंजूरी दे दी।
यस बैंक के बुरे दिन तब शुरू हुए जब जनवरी 2019 में राणा कपूर ने एमडी और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि उससे पहले बैंक पर घाटे की आंकड़े को छुपाने के आरोप भी लगे।
वर्ष 2018-19 में बैंक ने 3277 करोड़ रूपये का कम NPA दिखाया।
यह भी माना जाता है कि राणा ने बैड क्वालिटी लोन लोगों को दिये। इसके अलावा राणा कपूर कंपनी की बैलेंस शीट बनाने का तरीका भी बदल देते थे जिससे आडिट करने में दिक्कतें होती है।
इस समय बैंक की मार्केट वैल्यू 7943 करोड़ रुपए गिर चुकी है। अगस्त 2019 में बैंक के जिस शेयर की कीमत ₹404 थी उसकी वर्तमान कीमत ₹5.65 हो गई है।
✍✍अजय मिश्रा
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