अटल व्यक्तित्व
अटल व्यक्तित्व
एक व्यक्तित्व में अनेकों छवि रखने वाले हमारे अटलजी आज हम सबके बीच में नहीं है......
कहते हैं उम्र भले ही ना बड़ी हो लेकिन जिंदगी बड़ी होनी चाहिए अटल जी शायद इसमें परफेक्ट थे।
मई 1996 में जब अटल जी ने पहली बार सरकार बनाई तो उनपर पर सत्ता लोभ का आरोप लगाया गया। सारा विपक्ष एकजुट होकर जनादेश का उल्लंघन करने लगा।
27 मई 1996 को अटल जी ने अटल शब्दों में लोकसभा में प्रतिपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा था.... जनता ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में समर्थन दिया है...यह कोई आकस्मिक जनादेश नहीं है...कोई चमत्कार नहीं हुआ है...हमने मेहनत की है..लोगों में गए हैं.. संघर्ष किया है...पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है यह कोई चुनाव में कुकुरमुत्ता की तरह खड़ी होने वाली पार्टी नहीं है।
आप सारा देश चलाना चाहते हैं...अच्छी बात है।... हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। हम अपने देश की सेवा में जुटे रहेगें। हम संख्या बल के आगे सर झुकाते हैं और आपको विश्वास दिलाते हैं जो कार्य में अपने हाथ में लिया है जब तक उसे पूरा कर नहीं लेंगे तब तक विश्राम से नहीं बैठेंगे....यह शब्द कहते हुए भारतीय राजनीति के पितामह ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा था।... अटल जी को भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह किसी और ने नहीं बल्कि यूपीए के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था।
उस समय विपक्ष को जरा सी आशंका नहीं रही होगी कि क्या अटल जी के द्वारा कही गई बातों को भविष्य में कोई और भी सिद्ध कर सकता है।.... कहा था मेरे नेता ने 1998 में कि आज आप लोग मेरा उपहास उड़ा रहे हैं एक दिन ऐसा आएगा जब 'पूरा देश' कांग्रेस पर हंसेगा।...
आज ये कथन सत्य साबित होते दिख रहे हैं।.........
अटल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏🙏
✍✍✍ अजय मिश्रा
एक व्यक्तित्व में अनेकों छवि रखने वाले हमारे अटलजी आज हम सबके बीच में नहीं है......
कहते हैं उम्र भले ही ना बड़ी हो लेकिन जिंदगी बड़ी होनी चाहिए अटल जी शायद इसमें परफेक्ट थे।
मई 1996 में जब अटल जी ने पहली बार सरकार बनाई तो उनपर पर सत्ता लोभ का आरोप लगाया गया। सारा विपक्ष एकजुट होकर जनादेश का उल्लंघन करने लगा।
27 मई 1996 को अटल जी ने अटल शब्दों में लोकसभा में प्रतिपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा था.... जनता ने बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में समर्थन दिया है...यह कोई आकस्मिक जनादेश नहीं है...कोई चमत्कार नहीं हुआ है...हमने मेहनत की है..लोगों में गए हैं.. संघर्ष किया है...पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है यह कोई चुनाव में कुकुरमुत्ता की तरह खड़ी होने वाली पार्टी नहीं है।
आप सारा देश चलाना चाहते हैं...अच्छी बात है।... हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं। हम अपने देश की सेवा में जुटे रहेगें। हम संख्या बल के आगे सर झुकाते हैं और आपको विश्वास दिलाते हैं जो कार्य में अपने हाथ में लिया है जब तक उसे पूरा कर नहीं लेंगे तब तक विश्राम से नहीं बैठेंगे....यह शब्द कहते हुए भारतीय राजनीति के पितामह ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा था।... अटल जी को भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह किसी और ने नहीं बल्कि यूपीए के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था।
उस समय विपक्ष को जरा सी आशंका नहीं रही होगी कि क्या अटल जी के द्वारा कही गई बातों को भविष्य में कोई और भी सिद्ध कर सकता है।.... कहा था मेरे नेता ने 1998 में कि आज आप लोग मेरा उपहास उड़ा रहे हैं एक दिन ऐसा आएगा जब 'पूरा देश' कांग्रेस पर हंसेगा।...
आज ये कथन सत्य साबित होते दिख रहे हैं।.........
अटल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि🙏🙏
✍✍✍ अजय मिश्रा
Atal ji ki badi aaj stya sabit hui.
ReplyDeleteBhajpa ka jvana.
जी बिल्कुल सत्य....
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